प्यार…हो गया
मेरे संग, मेरे साथ
तू रहे, उमर भर..
दो कदम, कटे ना
तेरे बिन, हमसफर..
तू रहे, उमर भर..
दो कदम, कटे ना
तेरे बिन, हमसफर..
धड़के जिया मेरा
सुन ले याराँ मुझे
निंदिया आए नही रातों मे
तडपे ये मन मेरा
पास आ मेरे पिया
धड़कने में सुनाउ तुझे
सुन ले याराँ मुझे
निंदिया आए नही रातों मे
तडपे ये मन मेरा
पास आ मेरे पिया
धड़कने में सुनाउ तुझे
मुझे प्यार…हो गया
दिल मेरा…खो गया !!!
दिल मेरा…खो गया !!!
चाँदनी तू है मेरी सदा
तुझसे रोशन है दिल का दिया
मेरी साँसे है तुझसे जुड़ी
छोड के जाना ना मेरी गली
तुझसे रोशन है दिल का दिया
मेरी साँसे है तुझसे जुड़ी
छोड के जाना ना मेरी गली
बहकी ये फ़िज़ाइ
सुनके मेरी दुआए
आजा छु के तुजे लग जाउ
पागल दिल है मेरा
तुझसे नही यह कहता
तेरे बिन ना है जीना यहाँ…
सुनके मेरी दुआए
आजा छु के तुजे लग जाउ
पागल दिल है मेरा
तुझसे नही यह कहता
तेरे बिन ना है जीना यहाँ…
मुझे प्यार…हो गया
दिल मेरा…खो गया !!!
दिल मेरा…खो गया !!!
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आज़ाद
ये वतन , ये वतन
हिंदुस्तान…आज़ाद है !!
हिंदुस्तान…आज़ाद है !!
शान से, ईमान से,
हिंदुस्तान…आज़ाद है !!
हिंदुस्तान…आज़ाद है !!
शहीदों की जवानों की रग रग में बस्ता है वो,
देश की आवाम की माँ के जैसा है वो;
हिंदुस्तान…आज़ाद है !!
देश की आवाम की माँ के जैसा है वो;
हिंदुस्तान…आज़ाद है !!
हिन्दू हो या हो मुस्लिम, या हो कोई दूजा,
सब के लहू से है बंधा प्यारा वो देश यहाँ;
हिंदुस्तान…आज़ाद है !!
सब के लहू से है बंधा प्यारा वो देश यहाँ;
हिंदुस्तान…आज़ाद है !!
मिटटी की खुशबु से लहराते है पंछी,
फसले महेके जिसके आँगन मे हर बस्ती,
तिरंगा है जो सबसे प्यारा जहाँ मे,
आंधी हो या हो तूफ़ान..ऊँचा है सबसे;
हिंदुस्तान….आज़ाद है !!
फसले महेके जिसके आँगन मे हर बस्ती,
तिरंगा है जो सबसे प्यारा जहाँ मे,
आंधी हो या हो तूफ़ान..ऊँचा है सबसे;
हिंदुस्तान….आज़ाद है !!
इसकी जान के पीछे पड़े है कुछ बुरे से लोग,
आज़ाद से इस मुल्क को डसना चाहे कुछ लोग ,
पर मितेंगा नहीं, टूटेगा नहीं, डर के आगे जीतेगा हमेशा;
हिंदुस्तान ….आज़ाद है !!
आज़ाद से इस मुल्क को डसना चाहे कुछ लोग ,
पर मितेंगा नहीं, टूटेगा नहीं, डर के आगे जीतेगा हमेशा;
हिंदुस्तान ….आज़ाद है !!
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एक इशारा
ये सागर की लेहरो को ऐसे ना छोड जा..
यूँ बादल के पीछे तू ऐसे ना छुप जा..
ये रात है तेरी, तेरा ही सब नज़ारा,
बाहर आ, और दे मूज़े, तेरा एक इशारा |
यूँ बादल के पीछे तू ऐसे ना छुप जा..
ये रात है तेरी, तेरा ही सब नज़ारा,
बाहर आ, और दे मूज़े, तेरा एक इशारा |
मे हूँ यहाँ इन किनारो पे खोया हुआ..
मे हूँ यहाँ ये वादियों को देखता हूँ..
ये ल़हेरें आके मेरे पैरों को छु जाती है,
जैसे किसिकी यादें मेरी साँसे छुके निकल जाती है |
मे हूँ यहाँ ये वादियों को देखता हूँ..
ये ल़हेरें आके मेरे पैरों को छु जाती है,
जैसे किसिकी यादें मेरी साँसे छुके निकल जाती है |
ये सरसराता हुआ पवन, जो कुछ मीठी आवाज़े करता है
लगता है किसिकी पायल की जॅंकार से मॅन भर रहा है
फिर भी कुच्छ अधूरा सा है ये लम्हा उसके बिन
तू आ, आके बन आईना मेरा, जिसमे देख लू उसकी परछाईया
अंधेरे सी जिंदगी में, भर दू यादों के रंग ज़रा |
लगता है किसिकी पायल की जॅंकार से मॅन भर रहा है
फिर भी कुच्छ अधूरा सा है ये लम्हा उसके बिन
तू आ, आके बन आईना मेरा, जिसमे देख लू उसकी परछाईया
अंधेरे सी जिंदगी में, भर दू यादों के रंग ज़रा |
ये रात है तेरी, तेरा ही सब नज़ारा..
बाहर आ, और दे मूज़े तेरा ही एक इशारा !
बाहर आ, और दे मूज़े तेरा ही एक इशारा !
ए चंदा….
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- जिगर ब्रह्मभट्ट
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