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Wednesday, March 14, 2012

ज़िंदगी एक पहेली


ज़िंदगी एक पहेली है,
कुछ मनचली सी है
इसका ना कोई अता-पता
करवटें बस बदलती है
यहाँ पे, कोई किसीसे जलता है,
जल्दी किसीका ना होता है,
कैसी ये अपनो की दुनिया है,
जहाँ आदमी आदमी से मरता है,
हो….जागो और भागो..जीलो उसको पल पल मे…
यहाँ पे, कोई हार के जीता है मंज़िल को,
कोई अपनी जान गावाता है
प्यार कभी दोस्ती के आगे
रिश्तो की नाव डुबाता है..
हो…..सोचो, लोगो को समजो..और खेलो ये खेल…

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(slow rhythm)
ह्म्म …दोस्तो सबको प्यार करो
सबका प्यार जीतो
दुनिया मे एक बार आना है
आके उसमे राग बहाना है
सुनलो, फिरसे सोचलो, जी ने मे अलग सा नशा है….
ज़िंदगी एक पहेली है…….
जिगर ब्रह्मभट्ट

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